आयुष डॉक्टरों ने अपनी जान की परवाह किये बिना कर रहे कोविड-19 में ड्यूटी-रहुई, नालंदा

टीकाकरन के दौरान डॉ धर्मेंद्र कु.

जैसा की आप सभी जानते हैं  की कोविड-19 के दूसरे लहर में लोग काफी डरे सहमे से हैंं। ऐसे में चिकित्सक का सबसे अहम रोल है लोगों को बचााने में। लोग अपनी जान केे परवाह किये बिना हर जगह जाकर कोरोना का टीका लगाने का काम कर रहे है। आज हमें नालन्दा जिलाअर्तगत रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केेन्द्र के आयुष डॉ धर्मन्द्र कुमार से बात हुई उन्होंने कहा कि हमलोग रात दिन कोरोना मरीज को देखने के लिए उसके घर तक जाकर लोगों की सेवा दे रहे हैं। हमलोग 4 आयुष (RBSK) डॉ है जो सभी लोग नाईट ड्यूटी के साथ साथ दिन में भी हर जगह जाकर सेवा दे रहे हैं। जबकि हमलोग सेवा देते देते खुद चारो आयुष डॉ कोरोना पॉजिटिव हो गए थे।जिनमें से डॉ धर्मेंद्र कुमार, डॉ उत्तम कुमार, डॉ धर्मेंद्र कुमार तथा डॉ सुरेंद्र कुमार मौजूद है, इन्होंने अपने जीवन को खतरे में डाल कर निरन्तर आम लोगों की सेवा कर रहे है।

        इन चिकित्सकों के इस तरह  साहसी कार्य को देखते हुए भी कई लोगों ने जो नकारात्मक भाव रखने वाले है जो इनके बारे में गलत अफवाह लोगों के बीच फैलाते है। इनको खुद समझने की जरूरत है कि इस समय कोरोना टाइम में डॉ ही आगे बढ़कर लोगों की जान बचा रहे है, लेकिन इन कुप्रविर्ति रखने वालों को कौन समझाए।


 डॉ धर्मेंद्र से मई गांव में हो रहे टीकाकरण अभियान के दौरान हुई बात-चीत में उन्होंने बताया कि हम अपनी टीम के साथ हर दिन बताये हुए स्थल पर जाकर टीकाकरण का कार्य कर रहे हैं, आज भी 45 वर्ष से ऊपर के आयु वालो को टीका लगाने के लिए हमलोग यहां आये हैं। 



इन डॉक्टर्स को हिम्मत देने की आवश्यकता है, इनके कार्यों को सराहने की आवश्यकता है न की इन्हें नीचा दिखाने का। क्योंकि न जाने बिहार में कितने डॉक्टरों ने दूसरों को बचाने के चक्कर में अपनी जान गवां दी है। ऐसे में भी अगर ये सब सेवा दे रहे है ये कम बड़ी बात नही है।

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